हरियाणा सरकार ने राज्य के स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं में पढ़ाई कर रहे अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। लंबे समय से लंबित पड़ी छात्रवृत्तियों का भुगतान अब जल्द किया जाएगा। सरकार ने सभी सरकारी और निजी कॉलेजों के प्राचार्यों को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं ताकि छात्रों को पिछले तीन वर्षों की छात्रवृत्ति शीघ्र प्राप्त हो सके।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय विद्यार्थियों के हित में लिया गया है, ताकि कोई भी पात्र छात्र आर्थिक अभाव के कारण अपनी पढ़ाई बीच में न छोड़े। शिक्षा निदेशालय ने सभी कॉलेज प्राचार्यों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाया जाए।
तीन वर्षों की छात्रवृत्ति का होगा भुगतान
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022-23, 2023-24, और 2024-25 के छात्रवृत्ति मामलों को तय समयसीमा में निपटाने के निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षा विभाग ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के लंबित मामलों को तीन दिनों के भीतर, 2023-24 के मामलों को सात दिनों में और 2024-25 के मामलों को दस दिनों में पूरा किया जाए।
सभी कॉलेजों के नोडल अधिकारियों को भी यह निर्देश दिया गया है कि वे छात्रवृत्ति से जुड़ी सत्यापन प्रक्रिया को तेजी से पूरा करें। इस कदम से हजारों विद्यार्थियों को राहत मिलेगी जो कई महीनों से अपनी छात्रवृत्ति की प्रतीक्षा कर रहे थे।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के तहत लाभ
यह छात्रवृत्ति योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही दो योजनाओं के तहत दी जाती है —
- अनुसूचित जाति के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना, और
- अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना।
इन योजनाओं के तहत पात्र छात्रों को ट्यूशन फीस, परीक्षा शुल्क, मेंटेनेंस अलाउंस और अन्य शैक्षणिक खर्चों में आर्थिक सहायता दी जाती है। इसका सीधा लाभ उन छात्रों को मिलता है जिनकी पारिवारिक आर्थिक स्थिति कमजोर है।
केंद्र और राज्य सरकार का साझा प्रयास
हरियाणा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार दोनों मिलकर इन योजनाओं को सुचारू रूप से लागू करने का प्रयास कर रही हैं। केंद्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के बाद अब राज्य स्तर पर इन लंबित भुगतानों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
सभी कॉलेजों के नोडल अधिकारी और प्राचार्य से यह भी कहा गया है कि वे छात्रों से संबंधित डेटा को सटीक रूप से पोर्टल पर अपडेट करें ताकि किसी भी छात्र को छात्रवृत्ति प्राप्त करने में देरी न हो।
